मानसून में बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक के अनुसार करें अपने आहर में बदलाव

July 12, 2022, 5:56 PM IST

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आयुर्वेद, साल को सूर्य की गति के आधार पर छह ऋतुओं में विभाजित करता है. विज्ञान के अनुसार, मानसून की शुरुआत गर्मियों के दौरान खोई हुई शक्ति को फिर से पाने का एक आदर्श समय है. तापमान और आर्द्रता में अचानक आए परिवर्तन की शुरुआत पाचनतंत्र को कमज़ोर कर देती है और पाचन संबंधी बीमारियां, जैसे सूजन, कब्ज़, गैस, एसिडिटी और अपच की ओर ले जाती है. आत्मंतन वेलनेस सेंटर के सेंटर के वेलनेस डायरेक्टर डॉ मनोज कुटेरी ने मानसून में आहार परिवर्तन की एक लिस्ट बनाई है, जिन्हें आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए फ़ॉलो कर सकते हैं.

 

पत्तेदार साग कम इस्तेमाल करें

Go Easy On Leafy Greens

चूंकि बरसात का मौसम रोगाणुओं के फैलाव का पसंदीदा मौसम भी होता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप पत्तेदार साग को ज़्यादातर ना ही कहें. हरी पत्तेदार सब्ज़ियों के बजाय, करेला, लौकी, परवल, टिंडा, लौकी, कद्दू, आइवी लौकी, यम और शकरकंद आदि को अपने आहार में शामिल किए.

 

मसालेदार और नमकीन भोजन से बचें

Avoid Spicy And Salty Food

मानसून के दौरान मसालेदार, नमकीन और तैलीय खाद्य पदार्थों से पूरी तरह से बचना चाहिए, क्योंकि इससे पाचन में कठिनाई होगी, जिसके परिणामस्वरूप अधिक अपच, सूजन और पानी की कमी हो जाती है.

 

मौसमी भोजन का अधिक सेवन करें

Consume More Seasonal Food

इस मौसम में प्रतिरक्षा प्रणाली और आंत स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया जाना ज़रूरी हो जाता है. इसलिए मौसमी फलों जैसे-पपीता, नाशपाती, अनार, प्लस, सेब, चेरी को अपने आहार में शामिल करें. जामुन, अमरूद आदि आपके आहार में ज़रूर होना चाहिए. गर्मियों के फलों जैसे कस्तूरी तरबूज, तरबूज और खरबूजा आदि से बचना चाहिए.

 

अस्वास्थ्यकर और जंक फ़ूड को अपनी डायट से हटाएं

Opt Out Of Eating Unhygienic And Junk Food

मानसून के मौसम में खाद्यजनित संक्रमण विकसित होने का ख़तरा होता है, इसलिए व्यक्ति को अस्वच्छ भोजन और पेय से दूर रहना चाहिए है. जंक फ़ूड और असमय भोजन करने से पाचनतंत्र और भी सुस्त हो जाता है. ख़राब खान-पान और व्यायाम की कमी हमारे आंत के माइक्रोबायोम को और परेशान कर सकती है और सभी शारीरिक कार्यों को प्रभावित कर सकती है. सड़क किनारे ख़राब भोजन और पानी के सेवन के कारण लोगों में मतली, उल्टी और पेट दर्द आमतौर पर देखा जाता है.

 

ढेर-सारा पानी पिएं

Opt Out Of Eating Unhygienic And Junk Food

अपने सिस्टम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करने के लिए ढेर सारा पानी पिएं. पानी पीने से आपका पाचन तंत्र भी मज़बूत होता है. आयुर्वेद अमा के नाम से जानी जाने वाली अवधारणा में विश्वास करता है, जो पाचन के बाद बनने वाले ज़हरीले मेटाबोलाइट्स हैं. पानी का सेवन इसे काफ़ी हद तक कम करने में मदद करता है. इसके अलावा मानसून विशिष्ट जड़ी-बूटियों जैसे अदरक, लौंग, लहसुन, जीरा, सौंफ, अजवाइन, नींबू आदि भी अपने आहार में जगह दें.

 

हल्का आहार लें

Eat Light

ऐसे खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है, जो बहुत भारी, तैलीय, तले हुए, मसालेदार और अम्लीय प्रकृति के हों, क्योंकि वे शरीर में वात और पित्त असंतुलन का कारण बनते हैं. इसके बजाय ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जो पाचन के लिए अच्छे हों जैसे-शहद, गेहूं, दालों से बना सूप, मसालेदार छाछ आदि आपके समग्र स्वास्थ्य में मदद करेंगे. मानसून के दौरान आसानी से पचने वाले कुछ मसाले हैं लहसुन, हींग, काली मिर्च, अदरक, हल्दी, जीरा और धनिया. वे बेहतरीन पोषण भी प्रदान करने में सहायक होते हैं.

 

हर्बल टी को बनाएं अपना दोस्त

Make Herbal Tea Your Friend

नींबू, अदरक और ग्रीन टी जैसी प्राकृतिक और हर्बल चाय में जीवाणुरोधी गुण होते हैं. वे आपके शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाए रखते हैं, आपके गले में ख़राश को शांत करते हैं और शरीर के अन्य विकारों से लड़ते हैं. एक चुटकी मुलेठी, काली मिर्च, लंबी काली मिर्च और अदरक को मिलाकर बनाई गई आयुर्वेदिक हर्बल चाय का सेवन करने बढ़िया माना जाता है. यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में भी मदद करता है.