उम्र केवल 14 साल, इस उम्र में अपने देश का प्रतिनिधितत्व करना बेहद ही गर्व की बात है, उस खिलाड़ी के लिए भी और देश के लिए भी! हम बात कर रहे हैं नौवीं कक्षा में पढ़नेवाली अनहत सिंह की, जो साल 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों के स्क्वैश में पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा. अनहत सिंह, राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने गए भारतीय दल की सबसे युवा खिलाड़ी हैं.
अनहत भारतीय खेल जगत में तब से चर्चा में हैं, जबसे उन्होंने राष्ट्रमंडल खेल 2022 में पदार्पण किया. शुक्रवार को उन्होंने एक और कारनामा कर दिखाया. अनहत ने महिला एकल स्क्वैश स्पर्धा के 64वें राउंड में सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की जैडा रॉस को तीनों गेमों में हरा दिया. अनहत ने 11-5, 11-2 और 11-0 के स्कोर के साथ मैच जीत लिया. मैच के बाद उनकी प्रतिद्वंद्वी ने बहुत ही गर्मजोशी से गले लगाया, इसके बाद से और वह पूरे देश और विदेश में ट्रेंड करने लगीं. हालांकि अपने अगले मैच में विश्व रैंक-19 एमिली व्हिटलॉक से 7-11, 7-11, 11-4, 6-11 से हार गईं. हालांकि हारने से पहले बहुत ही ज़ोर लगाकर खेला, लेकिन राउंड 16 में जाने में विफल रहीं.
हार के बावजूद, प्रतिभा के इस पावरहाउस ने ख़ुद को भारतीय स्क्वैश के भविष्य के रूप में मज़बूती से स्थापित कर दिया है. अनहत ने साल 2022 विश्व जूनियर्स स्क्वैश चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफ़ाई किया है, जो 9 अगस्त से फ्रांस के नैन्सी में शुरू होगी.
अनहत की बड़ी बहन अमीरा सिंह अपनी स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय में जाने से पहले देश के टॉप रैंक के अंडर-19 स्क्वैश खिलाड़ियों में से एक थीं. वह अभी भी हार्वर्ड महिला स्क्वैश टीम के लिए कम्पीट करती हैं.
अनहत सिंह को उनकी बड़ी बहन के साथ-साथ पूर्व राष्ट्रीय स्तर के स्क्वैश खिलाड़ी अमजद ख़ान और अशरफ़ हुसैन द्वारा स्क्वैश का पाठ पढ़ाया, जिसके बल उन्होंने ख़ुद को भारत के स्क्वैश के भविष्य के रूप में स्थापित किया. इन सब प्रयासों से अनाहत जल्दी ही भारत के अंडर-11 श्रेणी में शीर्ष पर पहुंच गईं और फिर अंडर-13 श्रेणी में, जहां वह न केवल भारत में बल्कि एशिया और यूरोप में भी पहले स्थान पर रहीं.
8 साल की उम्र से स्क्वैश खेल रहीं अनहत का जन्म 13 मार्च 2018 को दिल्ली में हुआ था. पिता गुरशरण सिंह पेशे से वकील हैं और मां तानी सिंह एक इंटीरियर डिज़ाइनर. अनहत, पीवी सिंधु को खेलता देख बड़ी हुईं हैं और शुरुआत में उन्हें बैडमिंटन में दिलचस्पी रही, कुछ युवा स्तर के टूर्नामेंट भी जीते. हालांकि बाद में उन्होंने स्क्वैश को बतौर पैशन चुना और आज पूरे देश में ‘स्क्वैश सेंसेशन गर्ल’ बन गई हैं.