देश की 15वीं राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू !

July 22, 2022, 7:32 PM IST

DIY body wash

Droupadi Murmu

21 जुलाई 2022 का दिन भारत के इतिहास में दर्ज़ हो गया है. इस दिन भारत ने पहली बार किसी आदिवासी समाज की महिला को अपना राष्ट्रपति चुना. भारत के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू को चुना है. 64 वर्षीया द्रौपदी मुर्मू आज़ाद भारत में पैदा होनेवाली पहली राष्ट्रपति भी बन गई हैं. द्रौपदी मुर्मू को झारखंड की पहली महिला राज्यपाल होने गौरव भी प्राप्त है.

20 जून, 1958 को जन्मी द्रौपदी मुर्मू का ओडिशा के मयूरभंज ज़िले के ऊपरबेड़ा गांव से लेकर राष्ट्रपति भवन तक का सफ़र बहुत ही उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, लेकिन इस मृदुभाषी नेता, जो एक संथाल आदिवासी परिवार से आती हैं, ने देश के सबसे सर्वोच्च संवैधानिक पद तक का अपना रास्ता ख़ुद तैयार किया है. द्रौपदी के लिए राजनीति कभी नई रही. द्रौपदी के पिता और दादा पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्रामप्रधान थे, और अब, वह पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के बाद देश का सर्वोच्च पद संभालने वाली पहली आदिवासी और दूसरी महिला बन गई हैं.

द्रौपदी, एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलाइंश) की तरफ़ से राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित की गईं थीं. वह साल 1997 में भाजपा में शामिल हुईं और रायरंगपुर नगर पंचायत की पार्षद चुनी गईं. साल 2000 में, वह रायरंगपुर नगर पंचायत की अध्यक्ष बनीं और भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया.

 

ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान, मुर्मू ने वाणिज्य और परिवहन के स्वतंत्र प्रभार (6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2000) और मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री (6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004) के साथ राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत रहीं. उन्होंने साल 2000 में ओडिशा सरकार के मंत्रिमंडल में भी काम किया. उन्हें साल 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

 

राजनीति में अपने करियर से पहले, द्रौपदी ने एक स्कूल शिक्षक के रूप में, श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, रायरंगपुर में एक सहायक प्रोफ़ेसर के रूप में और ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग के साथ एक कनिष्ठ सहायक के रूप में काम किया.

 

साल 2017 में, एक राज्यपाल के रूप में, द्रौपदी मुर्मू ने छोटानागपुर किरायेदारी अधिनियम, 1908, और संथाल परगना किरायेदारी अधिनियम, 1949 में संशोधन की मांग करते हुए झारखंड विधान सभा द्वारा पारित एक विधेयक को स्वीकृति देने से इनकार कर दिया था. इस विधेयक में भूमि का स्वामित्व नहीं बदलने के साथ आदिवासियों को उनके भूमि का व्यावसायिक उपयोग करने के देने की मांग की गई थी.

 

24 जुलाई को वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. द्रौपदी मुर्मू उसके ठीक एक दिन बाद यानि 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी.