
कश्मीर के कपूवाड़ा की रहनेवाली सबरीना ख़ालिक ने दस साल के लंबे अंतराल के बाद पढ़ाई के क्षेत्र में फिर से अपने क़दम बढ़ाए और दसवीं कक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन किया़ सबरीना की पढ़ाई में यह अंतराल उनकी शादी के बाद आया़ सबरीना ने शादी के बाद परिवार की ज़रूरतों और बच्चों की देखभाल को प्राथमिकता देने का फ़ैसला किया और अपनी पढ़ाई पर कुछ समय के लिए विराम लगा दिया़ शादी की ज़िम्मेदियों के बावजूद उन्होंने पढ़ाई के जज़्बे को मरने नहीं दिया़ इन दिनों वह अपने पति के माता-पिता, उनकी तीन बहनों, और अपने बच्चों (दो बेटियां, आठ और छह साल और बेटे) के साथ रहती हैं़
सालों बाद जब सबरीना को पढ़ाई का मौक़ा मिला दो उन्होंने उसे बहुत ही बेहतरीन तरीक़े से अपनाया़ परिवार के समर्थन से सबरीना को और हिम्मत मिली और वह एक नए सफ़र पर चल पड़ी़ सबरीना की सास ने उन्हें 10वीं की बोर्ड के लिए आवेदन पत्र लाकर दिया, जिसे सबरीना ने फ़िल किया और परीक्षा के लिए तैयारी में जुट गईं, जिसमें उन्होंने अपनी बहन और भाभी की मदद ली़ इन दोनों स्नातक तक की पढ़ाई की हैं़ इसके अलावा उनके पति उनके पति सज्जाद अहमद डार ने उन्हें अंकगणित में कोचिंग दी़
सबरीना ने एक प्राइवेट कंडिडेट के तौर पर एक्ज़ाम दिया और दसवीं में 93.3 प्रतिशत अंक अर्जित किए, जिसकी ख़ुशी पूरे अवुरा गांव ने मनाई, जहां पर सबरीना अपने परिवार के साथ रहती हैं़ आपको बता दें कि कूपवाड़ा, जम्मू और कश्मीर का सीमावर्ती ज़िला है जहां पर महिला शिक्षा दर सबसे कम है़
इतने अच्छे परीक्षा परिणाम आने के बाद भी सबरीना यह बताने में हिचकिचा रही थीं कि उन्होंने इस उम्र में और दस साल के अंतराल के बाद 10वीं की परीक्षा पास की है़ हालांकि जब लोग उन्होंने बधाई देने लगे तो उन्हें अपनी इस सफलता का अंदाज़ा हुआ़